इस पृष्ठ पर
एडो बेकर ब्लैक मनी और आतंकवाद वित्तपोषण रोकथाम (AML/CFT) के एक प्रतिष्ठित विशेषज्ञ हैं, जिनका कंसल्टिंग और ऑडिटिंग में लंबा अनुभव है। KPMG और PwC जैसे दिग्गजों के साथ करीब एक दशक तक इंटरनल कंट्रोल और रिस्क मैनेजमेंट में विशेषज्ञता हासिल करने के बाद, एडो ने Santander, BBVA, Citibank, Goldman Sachs जैसे शीर्ष वित्तीय संस्थानों के लिए AML ऑडिट किया। उनकी सलाहकारी सेवाएं गैर-वित्तीय संस्थानों जैसे रियल एस्टेट, लॉ फर्म्स, और ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों तक भी फैली हैं।
एडो कहते हैं, "इस क्षेत्र में मुझे प्रैक्टिकल अप्रोच पसंद आया। कानून का पालन तो जरूरी है, लेकिन असली संतुष्टि अपराधियों को उनके अवैध फंड्स इस्तेमाल करने से रोकने में है, जिससे आम नागरिकों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रहती है।" सेक्टर के भविष्य के बारे में उनका कहना है, "AML अब बेहद सख्त हो रहा है। बैंकिंग सेक्टर में सख्ती बढ़ रही है, जिसका असर बाकी सेक्टर्स पर भी पड़ेगा।"
सवाल: ब्लैक मनी रोकथाम और आतंकवाद वित्तपोषण की तरफ आपका झुकाव कैसे हुआ?
जवाब: शुरुआत आकस्मिक थी। मैंने KPMG और PwC में करियर शुरू किया, 10 साल तक रिस्क मैनेजमेंट, इंटरनल कंट्रोल और ऑडिटिंग की। तब मैंने लगभग हर सेक्टर के साथ काम किया, सिवाय वित्तीय के।
धीरे-धीरे ब्लैक मनी रोकथाम के प्रोजेक्ट बढ़ने लगे। तब मेरी भूमिका बदल गई और Santander, BBVA, Bankinter, Citibank, Goldman Sachs जैसे बैंकों के लिए ऑडिट शुरू हुआ। फिर बीमा कंपनियां, रियल एस्टेट, लीगल फर्म्स और ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर भी जुड़े।
मुझे इसकी प्रैक्टिकल अप्रोच आकर्षित करती है। रिस्क मैनेजमेंट में आमतौर पर आप सिर्फ कंट्रोल बनाते हैं, लेकिन यहां आप अपराध रोकते हैं, जिससे अपराधी ब्लैक मनी के जरिए आलीशान जिंदगी न जी सकें, जबकि आम नागरिक ईमानदारी से टैक्स देते हैं।
सवाल: प्रभावी AML प्लान में कौन-सी बातें जरूर होनी चाहिए?
जवाब: पहली चीज है रिस्क असेसमेंट, जो संस्था की सच्ची तस्वीर पेश करती है। इसे जनरल टेंपलेट से नहीं, बल्कि विस्तृत डेटा और क्वालिटेटिव-स्टैटिस्टिकल एनालिसिस के आधार पर तैयार किया जाना चाहिए।
दूसरी चीज है प्रैक्टिकल और कस्टमाइज्ड AML मैनुअल, जिसमें कर्मचारी पहचानें कि कब और क्या करना है। इसे केवल कानून की गाइडलाइंस तक सीमित न रखें।
साथ ही प्रभावी ट्रेनिंग भी आवश्यक है, जिससे कर्मचारी इसे केवल कानूनी बाध्यता के तौर पर नहीं, बल्कि कंपनी की प्रतिष्ठा और सुरक्षा के लिए आवश्यक समझें।
सवाल: कंपनियों में compliance कल्चर को कितना जरूरी मानते हैं?
जवाब: बेहद जरूरी। समस्या है कि कंपनियों के पास अनेक कानून पालन की जिम्मेदारियां हैं, लेकिन AML ट्रेनिंग इनमें अलग और प्रैक्टिकल होनी चाहिए, जिससे कर्मचारी इसे गंभीरता से लें और कंपनी की सुरक्षा के लिए प्रयास करें।
सवाल: KYC प्रक्रिया का महत्व कितना है?
जवाब: KYC AML का आधार है। यदि आप ग्राहक की वास्तविक पहचान, प्रोफेशनल और आर्थिक स्थिति नहीं जानते, तो संदिग्ध गतिविधियां पहचानना नामुमकिन है। KYC में क्वालिटी, निरंतर अपडेट और मॉनिटरिंग आवश्यक है।
सवाल: वर्तमान में ब्लैक मनी के लिए सबसे संवेदनशील सेक्टर्स कौन से हैं?
जवाब: वित्तीय सेक्टर सबसे बड़ा रिस्क जोन है, क्योंकि ट्रांजैक्शन वॉल्यूम बड़ा है। लेकिन क्रिप्टो, ऑनलाइन गेमिंग और रियल एस्टेट भी हाई-रिस्क सेक्टर्स हैं। बिना कंट्रोल वाला कोई भी सेक्टर ब्लैक मनी के लिए आकर्षक हो सकता है।
सवाल: AML सेक्टर में AI क्या बदलाव ला रहा है?
जवाब: AI का दोहरा इस्तेमाल हो रहा है। अपराधी इससे फर्जी दस्तावेज, डीपफेक बनाते हैं, तो दूसरी तरफ बैंक और संस्थाएं AI-आधारित रिस्क मॉडल्स इस्तेमाल कर रही हैं, जो मल्टी-फैक्टर एनालिसिस के आधार पर संदिग्ध ट्रांजैक्शन को पहचानती हैं। इससे मॉनिटरिंग प्रभावी हुई है।
सवाल: AML नॉर्म्स लगातार बदल रहे हैं। क्या हम सही दिशा में हैं?
जवाब: बदलाव अच्छा है, लेकिन अनुपालन धीमा है। कंपनियों को निरंतर बेहतर होना पड़ेगा। केवल कानून लागू करने से नहीं होगा, उसका लगातार अपडेट और मॉनिटरिंग भी जरूरी है।
सवाल: AML को प्रभावी बनाने के लिए किन बदलावों की आवश्यकता है?
जवाब:
सवाल: AML ऑफिसर के लिए सबसे जरूरी स्किल क्या है?
जवाब: मदद मांगना। अकेले AML की जंग जीतना नामुमकिन है। टेक्निकल और विशेषज्ञ मदद जरूरी है। टीमवर्क से सीमाएं दूर होती हैं।
सवाल: AML और CFT का भविष्य कैसा देखते हैं?
जवाब: नए रेगुलेशन से AML ज्यादा प्रिवेंटिव और सख्त हो रहा है। बैंक ट्रांसफर भी कड़ी जांच के दायरे में आ रहे हैं, जिससे बाकी सेक्टर पर दबाव बढ़ रहा है। AML के नियम अब और सख्त और जरूरी बनते जाएंगे।
दिदित समाचार